"आदित्य-एल1" भारत का पहला सूर्य अवलोकन मिशन है, जिसका उद्घाटन किया गया है ताकि सूर्य की अध्ययन किया जा सके


 
"आदित्य-एल1" भारत का पहला सूर्य अवलोकन मिशन है, जिसका उद्घाटन किया गया है ताकि सूर्य की अध्ययन किया जा सके। यहां कुछ महत्वपूर्ण जानकारी है इस मिशन के बारे में:

उड़ान की तारीख और स्थान: "आदित्य-एल1" का उड़ान सोमवार को भारत के स्रीहरिकोटा उड़ान पैड से किया गया, भारतीय समय के अनुसार सुबह 11:50 बजे (06:20 जीएमटी)।

  1. गंतव्य: अदित्या-एल1 का गंतव्य लैग्रेंज पॉइंट 1 (L1) है, जो सूर्य और पृथ्वी के बीच एक बिंदु है जहां दोनों के गुरुत्वाकर्षण बल एक दूसरे को समाप्त कर देते हैं, जिससे अंतरिक्ष यान को एक स्थिर स्थिति में "हवाई" रूप से रहने की स्वीकृति मिलती है।

  2. उद्देश्य: इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करना है, हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह को। यह सूर्य की निरंतर अवलोकन करेगा, सम्पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान सहित, और विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों का प्रयोग करके सूर्य के गतिविधियों के हमारे ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए।

  3. ईंधन की कुशलता: एक बार जब "आदित्य-एल1" अपने गंतव्य L1 पर पहुंच जाता है, तो यह सूर्य की पूरी तरह से ध्रुवीकृत होकर पृथ्वी की तरह सूर्य की प्रदक्षिणा कर सकता है, जिसके लिए अपने स्थिति को बनाए रखने और अवलोकन करने के लिए बहुत ही कम ईंधन की आवश्यकता होगी।

  4. अवधि: इस मिशन के गंतव्य तक पहुंचने में लगभग चार महीने का समय लगेगा, जबकि यह 1.5 मिलियन किलोमीटर (932,000 मील) की दूरी की यात्रा करेगा।

  5. लागत: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इसके बारे में आधिकारिक रूप से लागत नहीं जारी की है, लेकिन भारतीय प्रेस में रिपोर्ट्स इसकी लागत को लगभग 3.78 अरब रुपये ($46 मिलियन; £36 मिलियन) का अनुमान लगा रही हैं।

  6. वैश्विक योगदान: ISRO के अधिकारी ने इसे बताया है कि इस मिशन से न केवल भारत, बल्कि वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय को भी







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